नैनों में "नैनो" का सपना


अब भारत के अधिकांश लोगों ने सपना देखना शुरू कर दिया है। ये सपना अन्तरिक्ष पर जाने का नहीं है और नाही मंगल ग्रह पर जाने का है। बल्कि ये सपना है कार खरीदने का। आज वह मध्यम वर्ग तथा ग्रामिणव्यक्ति जो पहले कभी इसे सपने में भी नहीं देखते थे , आज उनकी आँखें सपना संजोने लगी है। सपना ये कि वो कार जिसे देखकर वो मन मसोच कर रह जाते थे। जिस पर सवार होकर सैर तो वो भी करना चाहते थे लेकिन कार कीकीमत रुपी मोटी ज़ंजीर उसे रोकती थी। कीमत रुपी मोटी जंजीरों को तोड़ना उस वर्ग के लिए सम्भव नहीं था जिस वर्ग के पास एक माह की सीमित तनख्वा तथा असीमित जरूरतें हैं।
आज रतन टाटा ने उस कीमत रुपी मोटी जंजीरों को तोड़ते हुए कार को उन लोगों तक पंहुचा दिया है जो कार देख कर खूद को कार से दो कदम पीछे कर लेते थे। अब लोग स्कूटर तथा मोटरसाइकिल की जगह कार खरीदना पसंद करेंगे, और वो कार नैनो होगी। यदि देखा जाए तो बहुत माइनों में नैनो भारत के लिए सफल साबित होगी। सबसे पहले तो बदलाब गाँव में नज़र आएगा। गाँव के लोग भी कार खरीद पायेंगे, मुख्यतः वो लोग जो इतने ही पैसे खर्च करके बुलेट तथा ट्रक्टर खरीदते थे अब वो कार खरीद कर अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाना चाहेंगे। सहरों का स्वरुप भी इससे निश्चय ही परिवर्तित होगा। मेट्रो शहरों में जहाँ ओटो- रिक्शा की जगह कार ले लेगी। इससे भारत निर्माण की परिकिर्या को एक और आधार मिल जाएगा।
यदि नैनो को २००१० में होने वाले कॉमनवेल्थ्स गेम्स से जोड़ कर देखा जाए तो भी ये भारत की गरिमा में चार चाँद लगता ही नज़र आता है। आज भी विश्व में भारत की छवि साँप और बिछू तथा रिक्शा वाले देश के रूप में ही बनी हुई है। उस स्थिति में जब सडको पर नैनो के रूप में कार की संख्या को देखकर निश्चय ही भारत की छवि बदलती नज़र आएगी। अब भारत बैलगाड़ियों वाला देश नही रह जाएगा। एक आम आदमी और कार के बीच में एक लाख रुपए का फासला होगा और उस फासले को लखटकिया कार नैनो आसानी से कम कर देगी।

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  2. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
    चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है

    गार्गी

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