खून का रिश्ता


आया कैसा कलयुग देखो
मानव मतलब वाला है,
जाने किस माया में आकर
खूं ममता का कर डाला है।

जिसने तुझको जन्म दिया है
जिसने तुझको पाला है
पर नारी के खातिर तुने
मां-बाप को घर से निकाला है

साथ दिया तूने पत्नी का
दूध का रिश्ता तोड़कर
खून किया तूने ममता का
हाथ मां-बाप पर छोड़ कर।

जाने तूं कैसा निर्दयी है
कैसा फ़र्ज़ निभाता है
पूछे बात मां-बाप जो कोई
तूं सीना छलनी कर जाता है।

तुझसे तो बेहतर कुत्ता है
रोटी का फ़र्ज़ निभाता है
मारे कितना मालिक फ़िर भी

सदा ही दुम हिलाता है।

रोटी का संबंध है उसका
सदा ही साथ निभाता है
पालनकर्ता की रक्षा को
अपना खून बहाता है।

है खून का रिश्ता तेरा
फिर भी न साथ निभाता है
पत्नी के कारण उनसे तूं
रोटी का संबंध हटाता है।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगत सिंह अब याद नहीं

जीवन की रणभूमि

Instant Loan App: क्या आप भी फंस रहे हैं चीनी लोन ऐप के जाल में? इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगी ठगी