मेरी मां

उस रात चैन से न सोई थी मां
मुझे विदा करते वक्त रोई थी मां
अक्सर मेरी आंख भर आती है
जब भी मां मुझे याद आती है
निकला था मजबूरी में
घर छोड़ कर मैं पैसा कमाने
बीमार पिता की चिंता और
मां की लाचारगी मिटाने
जब भी मेरी फोन पर मां से बात होती है
घर की परेशानियों को लेकर
मां उदास होती है
अच्छा नहीं लगता है
मां का यूं उदास होना
सबसे नजरें बचाकर
घर के किसी कोने में रोना
आज भी कोई कमी नहीं
आई है मां के प्यार में
तरसती हैं उसकी नाम आंखें
मेरे आने के इंतजार में
जब जाए मिलने मां से
तो मिलना हंस कर नितेश
वरना मां सोचेगी की
परदेश में बेटा खुश नहीं है
अब तो बस एक ही हसरत है कि
बेटा होने का फर्ज निभाऊं मैं
कमाकर जल्द ही ढेर सा पैसा
घर का कर्ज उतारूं मैं।
kya baat hai. kaffi ghaw khaye hue lagte hai sir aap?
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
जवाब देंहटाएंmaa---maa---maa ?
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