भगत सिंह अब याद नहीं




भगत सिंह का था ये सपना
हो आजाद देश ये अपना
हो करके भारत आजाद,
करता नहीं है उसको याद।

व्यर्थ गई शायद उसकी जवानी
भूले सब उसकी कुर्बानी
हंस कर जो फांसी पर झूला
उसको सारा देश है भूला।

जिसने मौत की चिंता न की
भारत मां की रक्षा को
आज भला क्यों जाने लोग
भूल गए उस योद्धा को।

जाने कितने जन्म दिवस और जयंती पर
भारत छुट्टी मनाता है
लेकिन इतनी छुट्टी में भी
वह वीर कहीं नहीं आता है।

नहीं "नितेश" को कोई शिकवा
गांधी नेहरू के सम्मान से
मुझको तो है उनसे शिकायत
जो बने हुए हैं अनजान से।

धूमधाम से हर नेता व मंत्री
गांधी जयंती मनाते हैं
करके याद वे गांधी जी को
लाखों रुपये उड़ाते हैं।

प्रधानमंत्री खुद राजघाट पर
श्रद्धा के फूल चढ़ाता है
लेकिन शहीदी दिवस पर भी नेताओं को
यह नाम याद नहीं आता है।

उसका नाम नहीं सभी होठ पर
उसकी फोटो न किसी नोट पर
कम से कम इतना तो कर लो
नाम लो उसका अपने होठ पर।

देश की खातिर कष्ट सहा वह
देश से उसको प्यार था
जिसने उसे फांसी चढवाई
वह उसका अपना यार था।

शीश झुकाकर भगत सिंह को
करता नमन "नितेश" है
करो नमन तुम भगत सिंह का
यह मेरा संदेश है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन की रणभूमि

Instant Loan App: क्या आप भी फंस रहे हैं चीनी लोन ऐप के जाल में? इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगी ठगी